हौंसलों में समंदर भी है
आँखों में उड़ान भी है
नए पंख हैं
नए अरमान भी हैं
बेख़ौफ़ निगाहें हैं
डराओ नही
पत्थर इरादे हैं
डराओ नही
आ जाये तूफ़ान भी
कोई डर नही
छा जाए अन्धकार भी
कोई डर नहीं
बढ़ता चला है काफ़िला
बढ़ता ही रहेगा
जब तक क़दमों में आसमां न होगा
चलता ही चलेगा
हौंसलों में समंदर भी है
आँखों में उड़ान भी है
नए पंख हैं
नए अरमान भी हैं
Nice Meenu :)
ReplyDeleteThank you Sameer :)
Delete