Thursday, 20 November 2014

बाल दिवस

बचपन में सिर्फ खिलोने टूटा करते थे और माँ-पापा डांट देते थे.. बस ये ही सबसे बड़े गम थे 

अब दिल टूटते है और रिश्ते बिखर जाया करते हैं 

बचपन के जैसे वो गिरने के बाद कपडे झाड़ के फिर से खड़े हो के खुश रहना भूल गए हैं

आज के दिन याद आता है के वो बच्चा चुपचाप बैठा है अभी भी कहीं, बाहर आने को बेताब है 

लेकिन हम आने नही देते

लेने दो उसको भी खुल के सांस!! 

बाल दिवस की शुभ कामनाएं!!

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