Tuesday 20 November 2012

एक आम सा ख़ास दिन...

ये दिन भी शुरू हुआ था,
हर रोज़ की तरह !
खुद को धकेलते उठते,
बाथरूम में गए थे कछुए की तरह !!

आँखें भी नही खुली थी ठीक से,
जब ब्रश उठाया था !
टूथपेस्ट लगा के मुह में डाल,
धीरे धीरे घुमाया था !!

फिर घडी पे नज़र डालते ही,
रफ़्तार शताब्दी हो गयी !
आँखों में बची नींद भी,
झट से उड़ गयी !!

एक गैस पे दूध और,
दुसरे पर चाय चढ़ा दी थी !
टारगेट ऐसा था के दूध गरम
होते होते, पूरी सब्जी काट दी थी !!

दूध उतारते गैस से,
हाथ बर्तन पे लग गया था !
ठण्ड में सफ़ेद ऊँगली का रंग,
तुरंत लाल पड़ गया था !!

उस ऊँगली को मुह में डाल,
दुसरे हाथ से कढाई चढ़ाई !
चाय छान के रखने के बाद,
हमने फिर सब्जी बनायीं !!

चाय बेचारी कप में से,
ऐसे निहार रही थी !
कब पियूंगी उसे मै, मुरझाई
आँखों से ये जता रही थी !!

मैंने देख के उसकी तरफ,
सोचा था बहुत प्यार से !
कुछ देर और रुक जा,काम
निपटा के पियूंगी आराम से !!

आधी जली आधी कच्ची,
रोटी भी सेक ली थी !
और रोटी सब्जी डब्बे में,
पैक भी कर ली थी!!

कमरे का दरवाज़ा बंद करते करते,
एक और बार शीशे में झाँका !
चलते चलते आँखों में, काजल का
एक और राउण्ड मारा !!

एक फ़ोन कॉल ने,
एक अजब एहसास दिला दिया !
एक आम से दिन को,
अचानक से ख़ास बना दिया !! 

दोस्त की ज़िन्दगी से,
गम दूर हो गया था !
खुशियों का  नया फूल,
जीवन में खिल गया था !!

ख़तम हो गए थे,
अँधेरे उसके घर के !
दुआ थी इन उजालों से संवार ले,
सुबह शाम अपने मन के !!

हर गम आने वाली,
ख़ुशी की पुकार है !
चल फिर उठ जा आज फिर,
एक नयी शुरुआत है!!

18 comments:

  1. wah ji wah Meenu Ji maja aa gya!

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    1. Shukriya... i m blessed with your comment sir, that you found out time to read my blog.. thanks a lot :)

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  2. Wowww.... The way u described ... I cud imagine all this.... Sooper write up....

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    1. thank you Tushar... thanks a lot.. Keep reading :) :)

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  3. kabhi kabhi kuchh ahsas hi ajeeb hote hai,
    andar se aanandit karte hai par shabd nahi nikalte hai,
    kahi kuchh khushi ka to kahi kuchh Gham ka,
    Ahsaas to ahsaas hote hai jo nishabd hote hai,

    Aapki is roj ki kahani ne kuchh aisa hi alag nishabd ahsaas karaya hai...

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  4. पंक्ति बहुत सुन्दर और समसामयिक है

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  7. u stil same kya??mai change hogya hu pura

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  8. बस इतना ही कहूँगा के एक आम से ब्लॉग को अपनी लिखाई से ख़ास बना दीया।

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