Wednesday 4 June 2014

दरवाज़ा

वो दरवाज़ा हमेशा खुला रहता था,
कभी बंद नहीं करते थे वो लोग,
उन्हें शायद किसी चीज़ के खोने का डर ही नहीं था..
या शायद कुछ था ही नहीं उस घर में चोरी करने लायक
ना सामान,
ना जवाहरात,
ना रिश्ते,
ना संवेदनाएं !!!

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